"गुरुचरणों में समर्पित: श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् | अवधूत शिवानंद जी को अर्पित"

🪔 प्रस्तावना: गुरु उस दिव्य शक्ति का नाम है, जो हमारे भीतर की अज्ञानता को समाप्त कर ज्ञान, प्रेम और मुक्ति की ओर ले जाती है। इस युग में अवधूत शिवानंद जी जैसे दिव्य गुरु, शिवयोग के माध्यम से लाखों साधकों को चेतना और आत्मिक उपचार का मार्ग दिखा रहे हैं। उनकी पवित्र पादुकाओं को समर्पित यह स्तोत्र – "श्री गुरु पादुका स्तोत्रम्" – आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। यह स्तोत्र केवल स्तुति नहीं, एक साधना है, एक समर्पण है, एक आभार है। 🌸 श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् (अवधूत शिवानंद जी को समर्पित) अनंत संसार समुद्र तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्यां। वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥१॥ कवित्व वाराशि निशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिक्याभ्यां। दूरीकृतानम्र विपत्तिताभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥२॥ नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिदप्याशु दरिद्रवर्याः। मूकाश्च वाचसपतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥३॥ नाली कनी काशपदाहृताभ्यां नानाविमोहादिनिवारिकाभ्यां। नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमो नमः श्री गुरु पादुकाभ्यां॥४॥ नृपालिमौलि ब्रज रत...