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जून, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हनुमान का अर्थ

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दुनिया चले ना श्री राम के बिना। राम जी चले ना हनुमान के बिना।। --हनुमान का अर्थ- हनुमान का एक अर्थ है निरहंकारी या अभिमानरहित। हनु का मतलब हनन करना और मान का मतलब अहंकार। अर्...

ब्रह्मवैवर्त पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन :

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आने वाले समय में 16 की उम्र में ही आएगा बुढ़ापा ! . ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि कलियुग में ऐसा समय भी आएगा जब इंसान की उम्र बहुत कम रह जाएगी,युवावस्था समाप्त हो जाएगी। इस पुराण में कलियुग में किस प्रकार का वातावरण रहेगा,इंसानों का जीवन कैसा रहेगा,स्त्री और पुरुष के बीच कैसे संबंध रहेंगे आदि बातों की भविष्यवाणी की गई है। यहां जानिए इस पुराण में कलियुग के लिए क्या-क्या भविष्यवाणी पहले से ही कर दी गई है... . इंसानों की उम्र हो जाएगी बहुत कम . कलियुग में इंसानों की उम्र बहुत कम हो जाएगी। स्त्री और पुरुष,दोनों ही रोगी और थोड़ी उम्र वाले हो जाएंगे। 16 वर्ष की आयु में ही लोगों के बाल पक जाएंगे और वे 20 वर्ष की आयु में ही वृद्ध हो जाएंगे। युवावस्था समाप्त हो जाएगी। यह बात सच भी प्रतीत होती है,क्योंकि प्राचीन काल में इंसानों की औसत उम्र करीब 100 वर्ष रहती थी। उस काल में 100 वर्ष से अधिक जीने वाले लोग भी हुआ करते थे,लेकिन आज के समय में इंसानों की औसत आयु बहुत कम (60-70 वर्ष) हो गई है। भविष्य में भी इंसानों की औसत उम्र में कमी आने की संभावनाएं काफी अधिक हैं,क्यो...

कल्याणकारी पंचमुखी हनुमान !!

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ॐ हरिमर्कटमर्कटाय स्वाहा । नमो भगवते पञ्चवदनाय पूर्वकपिमुखे सकलशत्रुसंहारणाय स्वाहा । ॐ नमो भगवते पंचवदनाय दक्षिणमुखे करालवदनाय नर-सिंहाय सकल भूत-प्रेत-प्रमथनाय स्वाहा । ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखे गरुडाय सकलविषहराय स्वाहा । ॐ नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखे आदि-वराहाय सकलसम्पतकराय स्वाहा । ॐ नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखे हयग्रीवाय सकलजनवशीकरणाय स्वाहा । आप सभी का दिवस बरस मंगलमय हो,,, समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हों,,, कल्याणकारी पंचमुखी हनुमान !! श्री राम की रक्षा के लिए हनुमान जी ने धरा पंचमुखी रूप !! अंजनीसुत महावीर श्रीराम भक्त हनुमान ऐसे भारतीय पौराणिक चरित्र हैं जिनके व्यक्तित्व के सम्मुख युक्ति,भक्ति, साहस एवं बल स्वयं ही बौने नजर आते हैं। संपूर्ण रामायण महाकाव्य के वह केंद्रीय पात्र हैं। श्री राम के प्रत्येक कष्टï को दूर करने में उनकी प्रमुख भूमिका है। इन्हीं हनुमान जीका एक रूप है पंचमुखी हनुमान। यह रूप उन्होंने कब क्यों और किस उद्देश्य से धारण किया इसके संदर्भ में पुराणों में एक अद्भुत कथा वर्णित है। श्रीराम-रावण युद्ध के मध्य एक समय ऐसा आया ...

अखंड भारत के खंडन का इतिहास !

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डेढ़ सौ वर्षों में भारत के खंडन से बने 9 नए देश सम्भवत: ही कोई पुस्तक (ग्रन्थ) होगी जिसमें यह वर्णन मिलता हो कि इन आक्रमणकारियों ने अफगानिस्तान,वर्मा(म्यांमार),श्रीलंका(सिंहलद्वीप), नेपाल,तिब्बत(त्रिविष्टप),भूटान,पाकिस्तान,मालद्वीप या बांग्लादेश पर आक्रमण किया। यहां एक प्रश्न खड़ा होता है कि यह भू-प्रदेश कब, कैसे गुलाम हुए और स्वतन्त्र हुए। प्राय: पाकिस्तान व बांग्लादेश निर्माण का इतिहास तो सभी जानते हैं। शेष इतिहास मिलता तो है परन्तु चर्चित नहीं है। सन 1947 में विशाल भारतवर्ष का पिछले 2500 वर्षों में 24वां विभाजन है। - इन्द्रेश कुमार सम्पूर्ण पृथ्वी का जब जल और थल इन दो तत्वों में वर्गीकरण करते हैं,तब सात द्वीप एवं सात महासमुद्र माने जाते हैं। हम इसमें से प्राचीन नाम जम्बूद्वीप जिसे आज एशिया द्वीप कहते हैं तथा इन्दू सरोवरम् जिसे आज हिन्दू महासागर कहते हैं, के निवासी हैं। इस जम्बूद्वीप (एशिया) के लगभग मध्य में हिमालय पर्वत स्थित है। हिमालय पर्वत में विश्व की सर्वाधिक ऊँची चोटी सागरमाथा,गौरीशंकर हैं, जिसे 1835 में अंग्रेजशासकों ने एवरेस्ट नाम देकर इसकी प्राचीनता व ...