तुम्हारा जन्म सुख भोगने के लिये हुआ है - अपनी चेतना को जागृत करो {भाग...2}
माँ कुंडलिनी शक्ति जब कोई भी मानव से कुंडलिनी की शक्ति जागृत होती है तो उनका शरीर बिलकुल हलका सा फूल जैसा हरदिन रहता है। उनका शरीर स्फूर्तिमय रहता है और उनका शरीर बिलकुल निरोगी अवस्था मे आ जाते है। उनको किसी भी प्रकार का कोई टेन्शन नहीं रहता - मुक्त बिलकुल फ्रि अवस्था मे उनका मगज रहता है उनको शरीर मे किसी भी प्रकार की थकान का अनुभव कभी नहीं होता ये सभी प्रकार से उनका शरीर जरा-व्याधि से मुक्त होकर निरोगी होता है. कोई भी मानव कि कुंडलिनी की शक्ति के जागरण से उनको खुद वो आत्मज्ञानी अवश्य बन जाता है। सत्य क्यों है, असत्य क्यों है वो बात का उनको ज्ञान अवश्य आ जाते है वो खुद आत्मज्ञानी बन जाता है. उनके पुरे शरीर का विज्ञान यै प्रकृति का विज्ञान ये सृष्टि सर्जन का विज्ञान ये सातों तत्वो का विज्ञान ये सभी विज्ञान का उनको ज्ञान अवश्य होता है। ईसिमे कोई शक नही है ये पुरी सृष्टि का सर्जन का वो ज्ञानी बन जाता है उनका शरीर शक्तिमय बनता है। कुंडलिनी की जागरण से मानव खुद कल्याण कारी बन जाता है. ...