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तुम्हारा जन्म सुख भोगने के लिये हुआ है - अपनी चेतना को जागृत करो {भाग...2}

माँ कुंडलिनी शक्ति      जब कोई भी मानव से कुंडलिनी की शक्ति जागृत होती है तो उनका शरीर बिलकुल हलका सा फूल जैसा हरदिन रहता है। उनका शरीर स्फूर्तिमय रहता है और उनका शरीर बिलकुल निरोगी अवस्था मे आ जाते है। उनको किसी भी प्रकार का कोई टेन्शन नहीं रहता - मुक्त बिलकुल फ्रि अवस्था मे उनका मगज रहता है उनको शरीर मे किसी भी प्रकार की थकान का अनुभव कभी नहीं होता ये सभी प्रकार से उनका शरीर जरा-व्याधि से मुक्त होकर निरोगी होता है.              कोई भी मानव कि कुंडलिनी की शक्ति के जागरण से उनको खुद वो आत्मज्ञानी अवश्य बन जाता है। सत्य क्यों है, असत्य क्यों है वो बात का उनको ज्ञान अवश्य आ जाते है वो खुद आत्मज्ञानी बन जाता है. उनके पुरे शरीर का विज्ञान यै प्रकृति का विज्ञान ये सृष्टि सर्जन का विज्ञान ये सातों  तत्वो का विज्ञान ये सभी विज्ञान का उनको ज्ञान अवश्य होता है। ईसिमे कोई शक नही है ये पुरी सृष्टि का सर्जन का वो ज्ञानी बन जाता है उनका शरीर शक्तिमय बनता है।          कुंडलिनी की जागरण से मानव खुद कल्याण कारी बन जाता है. ...

तुम्हारा जन्म सुख भोगने के लिये हुआ है - अपनी चेतना को जागृत करो भाग...1

जीवन का उद्देश्य निश्चित होना चाहिए। किस उद्देश्य के लिए जन्म लिया है यह स्वयं जानना होगा। लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा तो कहाँ जाएंगे ? मनुष्य का जन्म दुःख भोगने के लिए नहीं हुआ है। ये पूरी की पूरी गलत धारणा है। *बड़े भाग मानुष तन पावा* जब मनुष्य का तन बड़े भाग्य से मिला तो दुःख क्यों? दुःख का कारण सँस्कार हैं। जो सतो, रजो और तमोगुणी रूप में हमारी सुषुम्ना नाड़ी में संचित होते हैं। तमोगुणी सँस्कार सुषुम्ना नाड़ी में सबसे नीचे के स्तर में, उसके ऊपर रजोगुणी सँस्कार उससे भी ऊपर सतोगुणी सँस्कार जमा रहते हैं। *सत्व, राजस, तमस् गुण* राजस, गतिशील और सत्व और तमस स्वभाव से स्थिर हैं। सत्त्व और तम को न तो पहले प्रकट किया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। देवी इन तीनों गुण, के स्थिर संतुलन की स्थिति है। जब राज्य में गड़बड़ी होती है, तो प्रकट ब्रह्मांड दिखाई देता है, प्रत्येक वस्तु में, जिसमें से एक या एक से तीन गनाएं आरोही में होती हैं। इस प्रकार देवों में जैसे कि दिव्य अवस्था में आने वाले, सत्त्व प्रधान होते हैं, और रज और तम बहुत कम हो जाते हैं। यही है, उनकी स्वतंत्र अभिव्यक्ति कम हो गई है दूसरे क...